Sadful Story of 7Years girl




Sadful Story of 7Years Girl


 

This story is years old, in a small village there lived a girl named Bindiya. Luck may not have supported her. The same old cottage was still, the wall of which fell years ago.


 She lived with her grandmother in the same hut. Luck had destroyed her life but she never learned to loss.


She get up every day and go to work taking new hope. She worked all day and returned home at night and used to survive. Days passed by.



One day, she left for work. On the way, she saw children her age who were wondering with their parents unafraid. Seeing this, her eyes were filled. Somehow she managed herself and got ahead. She was very sad when she returned home after work. Grandmother asked seeing this sadness, what happened to my baby girl today? Why does her flower face wither? Bindiya's tears came on hearing this and weeping she hugged grandma.



Grandmother said, my baby tell me why are you crying? Bindiya creid and said, after all where is my parents? Why did they leave me alone like this? Grandmother somehow handled Bindiya and said, one day everything will be perfect. Let's get up eat and sleep because you have to get up at work in the morning. Bindiya ate food and went to bed but she had no sleep.


Then it was morning and daily routine started. As the day goes on, Bindiya always goes to work with new hope and when she come back, dreams would fall asleep.



One day her grandmother suddenly fell ill.
Bindiya got nervous after seeing this. She went to her village to ask for help.



But nobody helped her. She cried a lot and pleaded with people that I have no one in this world other than my grandmother. Please have mercy on me. It's night running around and asking for help.  But may be humanity was over at that time. So that no one held her hand. She reached home crying and she shouted calling grandmother. But grandmother didn't give any voice. When Bindiya realizes that her grandmother is no longer in this world. As if the ground has sleeped under her feet and her legs staggered. She fell the ground with a groan. All her hopes were buried at that time.


Even today the voice of Bindiya resonates in my ears. May be even today luck didn't support her.

Hindi Translation-

यह कहानी बरसो पूरानी है। एक छोटे से गांव में बिंदिया नाम कि एक लड़की रहती थीं। किस्मत ने शायद उसका कभी साथ नहीं दिया था। वहीं पूरानी झोपड़ी अभी थी जिसकी सालों पहले दीवारें गिर चुकी थी। उसी झोपड़ी में वह अपनी दादी मां के साथ रहती थी। किस्मत ने उसका जीवन बेहाल कर रखा था लेकिन उसने कभी हारना नहीं सीखा था। प्रतिदिन सुबह उठती और नई आशा ले कर अपने काम पर चली जाती। दिनभर काम करती और रात को घर वापस लौट जाती। मुश्किल से गुजारा हो जाता था। ऐसे ही दिन गुजरता गया। एक दिन वह काम पे निकल पड़ी, रास्ते में उसने अपनी उम्र के बच्चों को देखा जो अपने माता पिता के साथ बेफिक्री से घूम रहे थे। यह देख कर उसकी आंखे भर आई। किसी तरह उसने खुद को संभाला और आगे निकल गई।
    काम कर के जब वह घर लौटी तो बहुत उदास थीं। यह उदासी देख कर दादी मा ने पूछा , आज मेरी बच्ची को क्या हो गया ? उसका फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है? यह सुन कर बिंदिया कि आंखों में आंसू आ गए और रोते हुए दादी मां से लिपट गई। दादी मां ने कहा बेटा कुछ तो बोलो आखिर क्या हुआ है? बिंदिया ने रोते हुए कहा मेरे माता पिता कहा हैं? वह क्यों मझे इस तरह अकेला कर गए। दादी मां ने किसी तरह बिंदिया को संभाला और कहा देखना एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा। चलो उठो खाना खा लो और सो जाओ क्योंकि सुबह उठ कर काम पर जाना है। बिंदिया ने खाना खाया और बिस्तर पे चली गई लेकीन उसकी आंखों में नींद नहीं थी। फिर सुबह हुई और वहीं रोज़मर्रा की ज़िंदगी शुरू हो गई। इसी तरह दिन गुजरता रहा हमेशा बिंदिया नई आशा ले कर काम पे चली जाती और वापस आती तो सपने सजा के सो जाती। एक दिन अचानक उसकी दादी मां बीमार पड़ गई। यह देख कर बिंदिया घबरा गई। वह अपने गांव में लोगों से मदद मांगने गई लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। वह बहुत रोयी और लोगो से गुहार लगाई कि मेरा इस दुनिया में मेरे दादी मां के इलावा कोई नहीं है कृपया मुझपे दया करो। चारो तरफ दौड़ते हुए और मदद मांगते हुए रात हो गई लेकिन शायद मानवता उस वक्त ख़तम हो चुकी थी जिससे किसी ने भी आगे बढ़ कर उसका हाथ नहीं थामा। वह रोते हुए घर पहुंची और दादी मां- दादी मां कह कर चिल्लाने लगी लेकिन दादी मा ने कोई आवाज़ नहीं दिया। बिंदिया को जब एहसास हुआ कि उसकी दादी मां अब इस दुनिया में नहीं है तो मानो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई हो उसके पैर लड़खड़ाने लगे और कराह के साथ वह ज़मीन पर गिर पड़ी। उसकी सारी आशाएं उसी वक़्त दफन हो चुकी थी।



आज भी बिंदिया की आवाज़ गूंजती है मेरे कानों में शायद आज भी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया।


      आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो मेरे साथ

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    उसने भी हंस कर कहा,,,,, और कौन है तेरे साथ।

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